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Showing posts from February, 2021

सूर्य नमस्कार

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  सूर्य नमस्कार सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। यह अकेला अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। 'सूर्य नमस्कार' स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है। सूर्य नमस्कार का अभ्यास प्रातः काल सूर्योन्मुख होकर सूर्य के दर्शन करते हुए बारह स्थितियों में किया जाता है, जो निम्नलिखित है- (1) प्रणामासन - दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े हों। नेत्र बंद करें। 'सूर्य भगवान' का आह्वान 'ॐ मित्राय नमः' मंत्र के द्वारा करें। (2) हस्त उत्तानासन - श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर की ओर तानें तथा भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं। मंत्र - ॐ रवये नमः (3) उत्तानासन (पादहस्तासन) - तीसरी स्थिति में श्वास को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकाएं। हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें। घुटने सीधे रहें। माथा घुटनों का स्पर्श करते हुए कुछ क्षण इसी स्थिति में रुकें। मंत्र - ॐ ...

रोम में शारीरिक शिक्षा

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    रोम में शारीरिक शिक्षा रोम में शारीरिक शिक्षा की स्थिति यूनान की पद्धति से काफी अलग थी । रूम में भी शारीरिक स्वास्थ्य व शस्त्र प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता था तथा  रोम वासियों को कुशल वीर योद्धा सैनिक बनाना ही उनका उद्देश्य था रोम में व्यायाम वह सैन्य प्रशिक्षण के लिए कैंपस मॉरिशियस (Campus Martious) नाम की व्यायामशाला स्थापित थी, यह नाम उनके युद्ध के देवता मार्स (Mars) के ऊपर रखा गया था।  रोमन काल में हैलेन्स (Hallanes) नामक खेल प्रचलित थे जिसमें वहां के नागरिक अपनी शारीरिक स्वास्थता  का प्रदर्शन करते थे। इसी काल में गेलेन (Galen) नाम के प्रमुख दर्शन शास्त्री व चिकित्सा शास्त्री हुए जिन्होंने शारीरिक अभ्यास व आहार का स्वास्थ्य पर प्रभाव पर विशेष अध्ययन किया। रोम में शिक्षा प्रणाली एक सीढ़ी (लेडर Ladder) पद्धति पर आधारित थी जिसमें विभिन्न स्तर थे जैसे प्राइमरी स्तर पर स्कूल ऑफ लिटरेचर  सेकेंडरी लेवल पर स्कूल ऑफ ग्रेमेटिक्स  हायर लेवल पर स्कूल ऑफ रेटर शामिल था रोमन ने यूनान की पेलेस्ट्रा के स्थान पर पब्लिक खेल समारोह पर बल दिया रथों की दौड़ ...