रोम में शारीरिक शिक्षा

  रोम में शारीरिक शिक्षा


रोम में शारीरिक शिक्षा की स्थिति यूनान की पद्धति से काफी अलग थी ।




रूम में भी शारीरिक स्वास्थ्य व शस्त्र प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता था तथा  रोम वासियों को कुशल वीर योद्धा सैनिक बनाना ही उनका उद्देश्य था


रोम में व्यायाम वह सैन्य प्रशिक्षण के लिए कैंपस मॉरिशियस (Campus Martious) नाम की व्यायामशाला स्थापित थी, यह नाम उनके युद्ध के देवता मार्स (Mars) के ऊपर रखा गया था। 


रोमन काल में हैलेन्स (Hallanes) नामक खेल प्रचलित थे जिसमें वहां के नागरिक अपनी शारीरिक स्वास्थता  का प्रदर्शन करते थे।

इसी काल में गेलेन (Galen) नाम के प्रमुख दर्शन शास्त्री व चिकित्सा शास्त्री हुए जिन्होंने शारीरिक अभ्यास व आहार का स्वास्थ्य पर प्रभाव पर विशेष अध्ययन किया।


रोम में शिक्षा प्रणाली एक सीढ़ी (लेडर Ladder) पद्धति पर आधारित थी जिसमें विभिन्न स्तर थे जैसे

  • प्राइमरी स्तर पर स्कूल ऑफ लिटरेचर 
  • सेकेंडरी लेवल पर स्कूल ऑफ ग्रेमेटिक्स 
  • हायर लेवल पर स्कूल ऑफ रेटर शामिल था

  • रोमन ने यूनान की पेलेस्ट्रा के स्थान पर पब्लिक खेल समारोह पर बल दिया
  • रथों की दौड़ काफी प्रसिद्ध थी 
  • तलवारबाजी (ग्लैडिटोरियल कॉम्बैट Gladiatorial Combat) बहुत प्रचलित था।
ग्लैडिटोरियल कॉम्बैट Gladiatorial Combat


  • जिसका आयोजन एम्फीथिएटर Amphitheatre में किया जाता था.
  •  तलवारबाजी (ग्लैडिटोरियल कॉम्बैट Gladiatorial Combat) में दास व अपराधी लोगों को प्रतिभाग कराया जाता था इन खेलों में काफी खून खराबा होता था जिससे रोमन दर्शक काफी उत्तेजित व रोमांचित होते थे.


उत्तरार्ध में रोमन संस्कृति में शोषण, घूसखोरी, बहु विवाह, विग्रह, व्यभिचार, शराबखोरी, आदि कुरीतियां चरम सीमा को छूने लगी। शारीरिक शिक्षा केवल सैनिकों तक ही सीमित रह गई।


 इस काल में व्यायाम करने की स्थान कोलोसियम Collessium कहलाते थेे। कोलोसियम में व्यायाम, खेलकूद, मसाज व भाप स्नान आदि के लिए व्यवस्थाएं थी

कोलोसियम Collessium


ग्लैडिटोरियल कॉम्बैट Gladiatorial Combat इस काल की सबसे लोकप्रिय द्वंदात्मक खेल था जिसमें खिलाड़ी अस्त्र शस्त्र लेकर भाग लेते थे। इसमें मनुष्यों की मध्य लड़ाई के अलावा मनुष्य और पशुओं के बीच में भी युद्ध कराया जाता था और दो में से एक प्रतिद्वंदी की मौत तक खेल जारी रहता था विजेता की मर्जी पर हारे हुए खिलाड़ी का जीवन दान निर्भर था।

मनुष्य व पशुओं के बीच लड़ाई



कालांतर में रोमन संस्कृति में कई कुरीतियां आ जाने से वे कमजोर पड़ गई और साम्राज्य पर ट्योनिक नामक जाति ने विजय प्राप्त की और रोमन साम्राज्य का अंत हो गया



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