Sem 1 - प्राचीन ओलंपिक खेल 776BC से 394BC

 प्राचीन ओलंपिक खेल



प्राचीन ओलंपिक खेलों मूल रूप से यूनान का एक धार्मिक आयोजन था जिसमें अनेक धार्मिक अनुष्ठानों के साथ कई प्रकार की खेल प्रतियोगिताएं भी होती थी जो कि कालान्तर में ओलंपिक खेलों के नाम से लोकप्रिय हुए।

प्राचीन ओलंपिक से संबंधित कुछ प्रमुख तथ्य निम्नवत हैं

पुरातात्विक खुदाई में मिला यूनान का एक एथलेटिक्स स्टेडियम


प्राचीन ओलंपिक खेलों की स्पर्धाएं



  • प्राचीन ओलंपिक की शुरुआत 776 बीसी में हुई मानी जाती है, जबकि इसका आखिरी आयोजन 394 ईस्वी में हुआ।

  • प्राचीन ओलंपिक खेल यूनान की एथेंस में ओलंपिया नामक स्थान पर यूनान के देवता जीउस (Zeus) के सम्मान में आयोजित किए जाते थे। 

  • खेलों का आयोजन ओलंपिया नामक स्थान पर होने के कारण यह खेल ओलंपिक खेलों के नाम से प्रसिद्ध हुए।

  • हर चार साल के अंतराल पर होने वाले खेलों को ओलंपियाड के नाम से भी जाना जाता था। 

  • ओलंपिक खेलों से 4 माह पूर्व यूनान की विभिन्न प्रांतों से खिलाड़ी एथेंस के निकट एलिस (Elis) शहर में एकत्र होते थे जहां उनका निरीक्षण और परीक्षण किया जाता था और योग्य खिलाड़ियों का चयन प्रतियोगिता के लिए होता था

  • ओलंपिक खेलों में केवल यूनान की मूल निवासी ही भाग ले सकते थे

  • खेलों में महिलाओं, दास, अपराधी और विदेशी लोगों का भाग लेना प्रतिबंधित था

  • भाग लेने वाले सभी खिलाड़ी निर्वस्त्र होकर भाग लेते थे

  • विवाहित महिलाओं का ओलंपिक में किसी भी रुप में भाग लेना प्रतिबंधित था। यहां तक कि वे दर्शक के रूप में भी स्टेडियम में नहीं आ सकती थी और ऐसा करने पर पकड़े जाने पर मृत्युदंड का प्रावधान था

  • विशेष अनुमति से विवाह योग्य युवतियां स्टेडियम में आ सकती थी जिससे कि वे अपने लिए जीवन साथी का चुनाव कर सकें 

  • खेलों से पूर्व भगवान जीउस उसके मंदिर में कई धार्मिक अनुष्ठान व पशु बलि के साथ खेल आयोजन प्रारंभ होते थे

  • खेल प्रारंभ होने से पूर्व खिलाड़ी एवं निर्णायक भगवान जीउस की प्रतिमा के समक्ष निष्पक्ष रहकर सच्ची खेल भावना के साथ खेलने व खिलाने की शपथ लेते थे 

  • खेलों की अवधि के दौरान संपूर्ण यूनान में युद्ध विराम लागू रहता था, जिसके लिए सभी राज्य युद्ध विराम संधि पर हस्ताक्षर करते थे जिससे खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, कलाकारों और दर्शकों को आवागमन में कोई बाधा ना हो

  • ओलंपिक खेलों में दौड़, लंबी कूद, भाला फेंक, पेंटाथलन, (5 इवेंट की प्रतियोगिता), मुक्केबाजी, कुश्ती, घोड़े और और रथों की दौड़, सशस्त्र दौड़ सहित 20 से अधिक प्रतियोगिताएं आयोजित होती थी

  • पुरस्कार स्वरूप खिलाड़ियों के सिर पर जैतून की पत्तियों का बना हुआ मुकुट रखा जाता था, और उपहार स्वरूप उन्हें जैतून वृक्ष की एक शाखा दी जाती थी। ओलंपिक के विजेता खिलाड़ियों को संपूर्ण यूनान में बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था

प्राचीन ओलंपिक खेलों का पतन

दूसरी शताब्दी के बाद रोमन साम्राज्य का प्रभाव बढ़ने लगा। रोमन बहुत ही क्रूर, आमोद प्रमोद में डूबे रहने वाले और लड़ाकू किस्म के लोग थे। उन्होंने अपने प्रभाव और राज्य विस्तार के लिए यूनान पर हमला कर दिया और और लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने यूनान पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया। और उन्होंने यूनान की मूल सांस्कृतिक धरोहरों को नष्ट करना प्रारंभ कर दिया।

ओलंपिक खेल यूनान की सांस्कृतिक धरोहर और सच्ची खेल भावना, उच्च आदर्श और मानकों के साथ होने वाले आयोजन थे। परंतु रोमन शासक बहुत ही क्रूर और रक्त रंजित खेलों के प्रेमी थेे।

रोमन ने अपने ईसाई धर्म के प्रचार हेतु यूनान की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को नष्ट करना प्रारंभ कर दिया और उसी के अंतर्गत ओलंपिक खेलों को मूर्ति उपासकों का धार्मिक आयोजन बताकर 394 BC में रोमन सम्राट थियोडोसियस ने प्रतिबंधित कर दिया।
और उसके बाद करीब 1500 सालों तक ओलंपिक खेल का आयोजन नहीं हुआ।



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