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Showing posts from November, 2021

Sem 1 - भारत के राष्ट्रीय खेल पुरस्कार

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  मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार  पूर्व में यह पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न के नाम से जाना जाता था परंतु वर्ष 2021 में भारत सरकार द्वारा इसका नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया गया। इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1991-92 में हुई थी। यह पुरस्कार भारत में दिया जाने वाला सबसे बड़ा खेल पुरस्कार है। इस पुरस्कार को भारत एवं विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है, जो तीन बार ओलम्पिक (1928,1932,1936) में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे।  प्रतिवर्ष यह पुरस्कार खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा गत 4 वर्षों की अवधि में अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार में खिलाड़ी को एक पदक, एक प्रशस्ति पत्र और 25 लाख रुपए की नगद राशि प्रदान किए जाने के साथ रेलवे की प्रथम और द्वितीय श्रेणी के वातानुकूलित कोचों में मुफ्त यात्रा का पास दिया जाता है। अर्जुन पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार भारत सरकार द्वारा भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को दिया जाने वाला राष्ट्रीय खेल पुरस्क...

Sem 1 पतंजलि योग सूत्र

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Unit 1  पतंजलि योग सूत्र योगसूत्र, योग दर्शन का मूल ग्रंथ है। जिसकी रचना लगभग 3000 वर्ष पूर्व महर्षि पतंजलि द्वारा की गई।  विभिन्न प्रकार की योग विधाओं एवं उनकी विधियों का वर्णन भारतीय संस्कृति में पौराणिक काल से ही है जिसमें भगवान शिव महा योगी भी कहा गया है। परंतु महर्षि पतंजलि द्वारा योग के ज्ञान को लिपिबद्ध एवं व्यवस्थित रुप में संकलित करने के कारण महर्षि पतंजलि योग का जनक कहा जाता है योग की परिभाषा महर्षि पतंजलि ने योग को परिभाषित करते लिखा है, "योगश्चित्त वृत्ति निरोध:" अर्थात चित्त की वृत्तियों को रोकना ही योग है  एवं  "युज्यते असौ योग:” जो जोड़े वही योग है। अर्थात् आत्मा व परमात्मा को जोड़ना ही योग है। भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है योग: कर्मसु कौशलम् अर्थात कर्म करने का कौशल ही योग है योगसूत्र में चित्त को एकाग्र करके ईश्वर में लीन करने का विधान वर्णित है।  इसमें 195 सूत्र हैं जो 4 अध्यायों में विभाजित है। पातंजलि ने इस ग्रंथ में भारत में अनंत काल से प्रचलित तपस्या और ध्यान-क्रियाओं का एक स्थान पर संकलन किया और उसका तर्क सम्मत सैद्धांतिक आधार...