Sem 1 - भारत के राष्ट्रीय खेल पुरस्कार

 


मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार 


पूर्व में यह पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न के नाम से जाना जाता था परंतु वर्ष 2021 में भारत सरकार द्वारा इसका नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया गया। इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1991-92 में हुई थी।

यह पुरस्कार भारत में दिया जाने वाला सबसे बड़ा खेल पुरस्कार है। इस पुरस्कार को भारत एवं विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है, जो तीन बार ओलम्पिक (1928,1932,1936) में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे। 


प्रतिवर्ष यह पुरस्कार खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा गत 4 वर्षों की अवधि में अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्रदान किया जाता है।


इस पुरस्कार में खिलाड़ी को एक पदक, एक प्रशस्ति पत्र और 25 लाख रुपए की नगद राशि प्रदान किए जाने के साथ रेलवे की प्रथम और द्वितीय श्रेणी के वातानुकूलित कोचों में मुफ्त यात्रा का पास दिया जाता है।



अर्जुन पुरस्कार



अर्जुन पुरस्कार भारत सरकार द्वारा भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को दिया जाने वाला राष्ट्रीय खेल पुरस्कार है जिसकी शुरुआत वर्ष 1961 में की गई थी

यह पुरस्कार गत 3 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले और नेतृत्व, खेल भावना और अनुशासन जैसे गुणों का प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है।


इसमें खिलाड़ियों को पुरस्कार स्वरूप महाभारत महाकाव्य के नायक धनुर्धर अर्जुन की कांस्य प्रतिमा, 15 लाख रुपये की राशि और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।


द्रोणाचार्य पुरस्कार

द्रोणाचार्य पुरस्कार भारत के उन खेल प्रशिक्षकों को प्रदान किया जाता है जिन से प्रशिक्षण प्राप्त खिलाड़ी भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं जैसे एशियाई खेल, कॉमनवेल्थ खेल, ओलंपिक खेल, वर्ल्ड कप आदि में उल्लेखनीय सफलताएं प्राप्त करते हैं।


महा आचार्य द्रोणाचार्य महाभारत महाकाव्य में पांडवों और कौरवों की गुरु थे तथा उनके शिष्य अनेक प्रकार की युद्ध कलाओं में पारंगत थे इसीलिए कौन के नाम पर इस पुरस्कार को वर्ष 1985 में स्थापित किया गया। 


इसमें पुरस्कार स्वरूप गुरु द्रोणाचार्य की कांस्य प्रतिमा, 15 लाख रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है


मेजर ध्यानचंद जीवन गौरव सम्मान 

(मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड)

 Major Dhyan Chand Lifetime Achievement Award 


यह पुरस्कार वर्ष 2002 में उन व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए प्रारंभ किया गया था जिन्होंने अपने सक्रिय खिलाड़ी जीवन के दौरान देश के लिए अनेक सफलताएं प्राप्त की हो तथा सक्रिय खेल से सेवानिवृत्ति के उपरांत भी उन्होंने खेल के विकास मैं अपना उल्लेखनीय योगदान दिया हो। 


इसमें पुरस्कार स्वरूप मेजर ध्यानचंद की कांस्य प्रतिमा, 5 लाख रुपए एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है


मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी (MAKA Trophy)

स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम पर यह ट्रॉफी वर्ष 1956-57में प्रारंभ की गई थी।

भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष अंतर विश्वविद्यालयी खेल प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों को माका (MAKA) रोलिंग ट्रॉफी प्रदान की जाती है।

इसमें ट्रॉफी के अतिरिक्त प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने विश्वविद्यालयों को क्रमशः 15 लाख, 7.50 लाख और 4.5 लाख रूपए की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाती है। 


 


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