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Showing posts from January, 2021

स्पार्टा में शारीरिक शिक्षा

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  स्पार्टा में शारीरिक शिक्षा प्राचीन यूनान या ग्रीस को पश्चिमी सभ्यता का गुरू कहा जाता है. प्राचीन यूनान की परंपराएं, इतिहास, संस्कृति, खोज और धर्म ने आज की पश्चिमी सभ्यता की बुनियाद रखी थी.उस दौर की तमाम चीज़ों की झलक हम आज के पश्चिमी देशों में देख सकते हैं. उस दौर के रीति-रिवाज और चलन का आज भी पश्चिमी दुनिया पर गहरा असर दिखता है. आधुनिक विश्व में वर्तमान शारीरिक शिक्षा एवं खेल की संस्कृति का प्रारंभ प्राचीन यूनान से हुआ था। वर्तमान में विश्व की सबसे बड़ी खेल स्पर्धा ओलंपिक खेल की भी शुरुआत यूनान से ही हुई थी। संपूर्ण यूनान में शारीरिक शिक्षा एवं खेल की महान परंपरा थी परंतु यूनान के दो राज्यों स्पार्टा और एथेंस की खेल संस्कृति ने पूरे विश्व को प्रभावित किया और आज भी विश्व का वर्तमान खेल परिदृश्य प्राचीन यूनान की परंपराओं व संस्कृति पर आधारित है स्पार्टा में शारीरिक शिक्षा एवं खेल का इतिहास स्पार्टा यूनान का एक दक्षिणी राज्य था जिसकी राजधानी लेकोनिया थी। स्पार्टा मुख्य रूप से अपनी सैन्य शक्ति और कड़े सैन्य अनुशासन के लिए जाना जाता था। स्पार्टा राज्य की संपूर्ण व्यवस्था अपने नागरि...

ऐथेंस में शारीरिक शिक्षा एवं खेल का इतिहास

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  ऐथेंस में शारीरिक शिक्षा एवं खेल का इतिहास प्राचीन यूनान या ग्रीस को पश्चिमी सभ्यता का गुरू कहा जाता है. प्राचीन यूनान की परंपराएं, इतिहास, संस्कृति, खोज और धर्म ने आज की पश्चिमी सभ्यता की बुनियाद रखी थी. प्राचीन यूनान सांस्कृतिक और वैचारिक रूप से बहुत समृद्ध राज्य था। महान दार्शनिक अरस्तु सुकरात प्लेटो आदि यूनान में ही पैदा हुए थे। यूनान से ही लोकतंत्र के दर्शन का विकास हुआ था। उस दौर की तमाम चीज़ों की झलक हम आज के पश्चिमी देशों में देख सकते हैं. उस दौर के रीति-रिवाज और चलन का आज भी पश्चिमी दुनिया पर गहरा असर दिखता है. आधुनिक विश्व में वर्तमान शारीरिक शिक्षा एवं खेल की संस्कृति का प्रारंभ प्राचीन यूनान से हुआ था।  विश्व की सबसे बड़ी खेल स्पर्धा प्राचीन ओलंपिक खेल की भी शुरुआत 776 ईसा पूर्व में एथेंस (यूनान) से ही हुई थी। 394 ईसवी में रोमन साम्राज्य द्वारा ओलंपिक खेलों पर प्रतिबंध लगा दितया गया और उसके बाद लगभग1500 सालों के बाद 1896 ईसवी में ओलंपिक खेलों को पुनर्जीवित किया गया और आज भी ओलंपिक खेल निरंतर रूप से प्रत्येक 4 साल के अंतराल पर आयोजित किए जाते हैं ऐथेंस में शारीरिक...

Sem 1 आधुनिक ओलंपिक खेल

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  आधुनिक ओलंपिक खेल वर्ष 394 ईसवी में प्राचीन ओलंपिक खेलो के प्रतिबंधित हो जाने के बाद लगभग डेढ़ हजार वर्षों तक ओलंपिक खेलों को भुला दिया गया। 19वीं शताब्दी में यूरोप में सर्वमान्य सभ्यता के विकास के साथ पुरातन काल की इस परंपरा को पुनर्जीवित किया गया. ओलंपिक खेलों को पुनर्जीवित करने का श्रेय फ्रांस के अभिजात पुरूष बैरोन पियरे डी कुबर्टिन ( Pierre de Coubertin) को जाता है . बैरोन पियरे डी कुबर्टिन ( Pierre de Coubertin) पियरे डी कुबर्टिन प्राचीन ओलंपिक के आदर्शों से बहुत प्रभावित थे और उस समय संपूर्ण विश्व में व्याप्त युद्ध और अशांति के माहौल में उन्हे विश्व में शांति स्थापना के लिए ओलंपिक एक आशा की किरण के रूप में नजर आया। कुबर्टिन मानते थे कि खेल युद्धों को टालने के सबसे अच्छे माध्यम हो सकते हैं. ओलंपिक अभियान कुबर्टिन ने ओलंपिक अभियान को एक आंदोलन के रूप में चलाया और उसके दो लक्ष्य रखे खेलों के माध्यम से विश्व शांति की स्थापना और विश्व में उत्कृष्टता, मित्रता और सम्मान की भावना का संचार करना अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) आई.ओ.सी. की स्थापना पियरे डे कोबेर्टिन द्वारा 23 ...

Sem 1 - प्राचीन ओलंपिक खेल 776BC से 394BC

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  प्राचीन ओलंपिक खेल प्राचीन ओलंपिक खेलों मूल रूप से यूनान का एक धार्मिक आयोजन था जिसमें अनेक धार्मिक अनुष्ठानों के साथ कई प्रकार की खेल प्रतियोगिताएं भी होती थी जो कि कालान्तर में ओलंपिक खेलों के नाम से लोकप्रिय हुए। प्राचीन ओलंपिक से संबंधित कुछ प्रमुख तथ्य निम्नवत हैं पुरातात्विक खुदाई में मिला यूनान का एक एथलेटिक्स स्टेडियम प्राचीन ओलंपिक खेलों की स्पर्धाएं प्राचीन ओलंपिक की शुरुआत 776 बीसी में हुई मानी जाती है, जबकि इसका आखिरी आयोजन 394 ईस्वी में हुआ। प्राचीन ओलंपिक खेल यूनान की एथेंस में ओलंपिया नामक स्थान पर यूनान के देवता जीउस (Zeus) के सम्मान में   आयोजित किए जाते थे।  खेलों का आयोजन ओलंपिया नामक स्थान पर होने के कारण यह खेल ओलंपिक खेलों के नाम से  प्रसिद्ध हुए। हर चार साल के अंतराल पर होने वाले खेलों को ओलंपियाड के नाम से भी जाना जाता था।  ओलंपिक खेलों से 4 माह पूर्व यूनान की विभिन्न प्रांतों से खिलाड़ी एथेंस के निकट एलिस (Elis) शहर में एकत्र होते थे जहां उनका निरीक्षण और परीक्षण किया जाता था और योग्य खिलाड़ियों का चयन प्रतियोगिता के लिए होता था ओलंपिक...